न इलाज न ही कोई दवा की जरूरत पड़ेगी! रोजाना इतने Km चलने से रोग होंगे दूर
चलना सबसे बुनियादी व्यायामों में से एक माना जाता है. क्या आप जानते हैं कि रोज़ाना केवल 5000 कदम चलने से डिप्रेशन का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है? 2024 में किए गए एक अध्ययन में यह दिलचस्प संबंध पाया गया कि रोज़ाना कदम गिनने और मानसिक स्वास्थ्य, खासकर डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में गहरा संबंध है. आइए इस खोज के बारे में विस्तार से जानें. डिप्रेशन और चलने का कनेक्शन डिप्रेशन एक वैश्विक समस्या बन चुका है, जो लाखों लोगों को प्रभावित करता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 28 करोड़ लोग डिप्रेशन से जूझ रहे हैं. शोध में पाया गया है कि शारीरिक गतिविधियां, जैसे चलना, डिप्रेशन के लक्षणों को कम कर सकती हैं. 96,000 वयस्कों पर किए गए 33 अध्ययनों के मेटा-विश्लेषण से पता चला कि जो लोग प्रतिदिन कम से कम 5000 कदम चलते थे, उनमें डिप्रेशन के लक्षण उन लोगों की तुलना में कम पाए गए, जो इससे कम चलते थे. शरीर को खुश रखने का विज्ञान चलने से शरीर में एंडोर्फिन का उत्पादन बढ़ता है, जिसे ‘मूड बूस्टर’ कहा जाता है. यह तनाव के लिए जिम्मेदार हार्मोन, जैसे कोर्टिसोल, को कम करता है, जिससे मानसिक स्थिति संतुलित रहती है. क्यों 5000 कदम हैं जादुई संख्या? अक्सर 10,000 कदम चलने को एक आदर्श लक्ष्य माना जाता है, लेकिन शोध से पता चला है कि केवल 5000 कदम चलने से भी मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा असर पड़ सकता है. जिन प्रतिभागियों ने प्रतिदिन 5000-7499 कदम चले, उनमें डिप्रेशन के लक्षणों में उल्लेखनीय कमी देखी गई. इसका मतलब यह है कि मानसिक स्वास्थ्य सुधारने के लिए आपको फिटनेस प्रेमी होने की ज़रूरत नहीं है. रोज़ाना केवल 30-40 मिनट तेज़ चलने से आपके मूड में बड़ा अंतर आ सकता है. ज्यादा कदम, कम खतरा शोध में यह भी पाया गया कि यदि आप अपने रोज़ाना कदमों की संख्या 1000 से बढ़ाते हैं, तो डिप्रेशन का खतरा 9% तक कम हो जाता है. वहीं, जो लोग 7000 या उससे अधिक कदम चलते हैं, उनमें यह जोखिम 31% तक कम हो जाता है. यह शोध इस बात की ओर इशारा करता है कि जितना ज्यादा आप चलते हैं, आपका मानसिक स्वास्थ्य उतना बेहतर होता है. यहां तक कि 3000 से 5000 कदम बढ़ाने जैसे छोटे बदलाव भी मानसिक स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं. दिमाग पर चलता है असर चलना न केवल आपके मूड को सुधारता है, बल्कि यह आपके दिमाग के कामकाज पर भी प्रभाव डालता है. नियमित रूप से चलने से खून का प्रवाह और मस्तिष्क की कनेक्टिविटी बढ़ती है और नए ब्रेन सेल्स बनते हैं. ये शारीरिक बदलाव डिप्रेशन से लड़ने और सामान्य संज्ञानात्मक कार्यक्षमता को सुधारने में मदद करते हैं. अगर आप बाहर चलते हैं, तो आपको प्राकृतिक रोशनी का फायदा मिलता है, जो आपकी नींद के चक्र को नियमित करती है और मौसम से जुड़े मूड में बदलावों को नियंत्रित करती है. चलने की आदत कैसे डालें? रोज़ाना 5000 कदम जोड़ना आसान है: खाने के बाद 10 मिनट की वॉक से शुरुआत करें. फिटनेस ट्रैकर या स्मार्टफोन ऐप से प्रगति पर नज़र रखें. सप्ताह में कम से कम 5 दिन चलने का लक्ष्य रखें. दोस्तों, परिवार या सहकर्मियों के साथ चलें, जिससे प्रेरणा बनी रहे. Tags: Health tips, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : December 20, 2024, 06:31 IST Soochna Network India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
आपका कमेंट