मोहम्मद यूनुस तो जस्टिन ट्रूडो से भी आगे निकले... भारत पर लगा दिया बड़ा इल्जाम
ढाका. जब से बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार बनी है, भारत के लिए परेशानियां कम नहीं हो रहीं. वहां हिंदू अल्पसंख्यकों और मंदिरों पर हमले हो रहे हैं, मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है. लेकिन अब मोहम्मद यूनुस की सरकार दो कदम और आगे निकल गई है. उसने भारत पर एक सनसनीखेज आरोप लगाया है. उसने कहा है कि बांग्लादेश में शेख हसीना के शासन के दौरान ‘जबरन गायब’ करने की घटनाओं में भारत का हाथ है. बांग्लादेश की तरफ से लगा यह आरोप दिखाता है कि वह अब कनाडा के जस्टिन ट्रूडो से भी आगे बढ़ चुका है. क्योंकि कनाडा भी भारत पर इस तरह के झूठे आरोप लगाता रहा है कि वह उनके देश में अपराध को बढ़ावा दे रहा है. हालांकि, उसने कभी भी कोई सुबूत पेश नहीं किया. दरअसल, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से गठित एक जांच आयोग ने कहा है कि उसने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासन के दौरान ‘जबरन गायब’ करने की कथित घटनाओं में भारत की ‘संलिप्तता’ पाई है. सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस ने शनिवार को यह खबर दी. बांग्लादेश संगबाद संस्था ने जबरन गायब करने पर जांच आयोग के हवाले से कहा, “बांग्लादेश की जबरन गायब करने की प्रणाली में भारतीय भागीदारी सार्वजनिक अभिलेख का मामला है.” खबर में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर जज की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय आयोग के अनुसार, “कानून प्रवर्तन हलकों में लगातार सुझाव दिये गए थे कि कुछ बांग्लादेशी कैदी अब भी भारतीय जेलों में कैद हो सकते हैं.” आयोग ने कहा, “हम विदेश और गृह मंत्रालयों को सलाह देते हैं कि वे ऐसे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें जो अब भी भारत में कैद हैं.” बांग्लादेश के बाहर इस राह पर चलना आयोग के अधिकार क्षेत्र से बाहर है.” कुछ दिन पहले आयोग ने अनुमान लगाया था कि जबरन गायब किये गए लोगों की संख्या 3,500 से अधिक होगी. आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि अपदस्थ प्रधानमंत्री के रक्षा सलाहकार मेजर जनरल (रिटायर) तारिक अहमद सिद्दीकी, राष्ट्रीय दूरसंचार निगरानी केंद्र के पूर्व महानिदेशक और बर्खास्त मेजर जनरल जियाउल अहसन, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मोनिरुल इस्लाम एवं मोहम्मद हारुन-ओर-रशीद और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इन घटनाओं में शामिल पाए गए. सेना और पुलिस के ये सभी पूर्व अधिकारी फरार हैं. ऐसा माना जा रहा है कि वे छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह के बाद पांच अगस्त को हसीना की अवामी लीग सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद देश से बाहर चले गए थे. Tags: Bangladesh, Justin Trudeau, Sheikh hasinaFIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 23:31 IST Soochna Network India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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