मजदूर का बेटा नेशनल रिकॉर्ड होल्डर, एथलेटिक्स में जीता गोल्ड मेडल

रोहतास. खेल अब सिर्फ एक प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि एक बेहतरीन करियर बन चुका है, जिसमें नाम, प्रसिद्धि और धन की कोई कमी नहीं है. हालांकि इसके लिए खिलाड़ियों को कठिन मेहनत, संघर्ष और समर्पण की आवश्यकता होती है. यही संघर्ष और समर्पण उन्हें ऊंचाइयों तक पहुंचाता है. जब कोई खिलाड़ी अपना लक्ष्य हासिल करता है, तो उसकी कठिनाई और संघर्ष की कहानी पीछे छूट जाती है. एथलेटिक्स में रोहतास के संझौली प्रखंड के मसोना गांव के रहने वाले इमरान आलम भी एक ऐसा ही उभरता सितारा है, जिन्होंने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से यह साबित किया कि कम संशाधन होने के बावजूद भी सफलता पाई जा सकती है. बता दें कि 7 से 11 दिसंबर तक भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में आयोजित 39वीं जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2024 में इमरान ने शानदार प्रदर्शन किया.  60 मीटर दौड़ और 4.49 मीटर की लॉन्ग जंप में अंडर-14 कैटेगरी में 2,275 अंकों के साथ गोल्ड मेडल जीतकर उन्होंने नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड स्थापित किया. उसकी इस ऐतिहासिक सफलता पर ना सिर्फ उनका परिवार बल्कि पूरा गांव और जिला गर्व से झूम उठा. पिता ने मजदूरी कर बेटे को खेल में बढ़ाया आगे इमरान ने लोकल 18 से को बताया कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद, माता-पिता के समर्थन के साथ खेल के क्षेत्र में कदम रखा. 2022 में केके हाई स्कूल से जिला स्तर पर पहली बार दौड़ के लिए चयन हुआ. इसके बाद राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई. फिलहाल पटना के खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में प्रशिक्षण ले रहे हैं.  वहीं इमरान के पिता जमालुदीन मंसूरी अपने बेटे के इस उपलब्धि पर काफी ख़ुश नजर आए. उन्होंने लोकल 18 को बताया कि गरीबी के कारण अपने बेटे को खेल में आगे बढ़ाने के लिए जरूरी संसाधन जुटाना मुश्किल था. मजदूरी कर अपने बेटे को खेल की आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराते थे.  एथलेटिक्स अंडर-14 में जीता स्वर्ण पदक पिता जमालुदीन मंसूरी ने बताया कि खेल के प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा भारी फीस मांगी जा रही थी, लेकिन उन्होंने ने कभी हार नहीं मानी. इमरान ने अंडर-14 श्रेणी में 2,275 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता और नया नेशनल रिकॉर्ड स्थापित किया. इस सफलता से न सिर्फ़ अपना नाम रोशन किया है बल्कि बिहार का नाम भी गर्व से ऊंचा किया है. आज इमरान ना केवल अपने परिवार के लिए बल्कि पूरे रोहतास जिले के लिए गौरव का प्रतीक बन चुके हैं. उसकी सफलता यह साबित करती है कि अगर किसी व्यक्ति का हौसला बुलंद हो, तो कोई भी मुश्किल उसे अपने रास्ते में नहीं रोक सकती. Tags: Bihar News, Local18, Sasaram news, Sports newsFIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 14:15 IST Soochna Network India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें

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