ऑस्ट्रेलिया में प्लेइंग इलेवन के सेलेक्शन में किसकी चलती है ?

मेलबर्न. इस ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अभी तक खेले गए तीनों टेस्ट मैच में एक बात हर जगह चर्चा में थी , वो थी टीम इंडिया का प्लेइंग इलेवन यहां तक कि प्लेइंग इलेवन के चक्कर में टीम के अंदर भी खुसुर फुसुर लगातार चल रही है . पर्थ से एडीलेड, ब्रिसबेन होते हुए टीम इंडिया का करवां पहुंच चुका है मेलबर्न. टीम इंडिया का पहला प्रैक्टिस सेशन भी संपन्न हो गया . मेलबर्न की पहली प्रेस कॉंफ्रेंस भी हो गई जिसमें पिछले मेैच में बेहतरीन बल्लेबाजी करने वाले रवींद्र जाडेजा आए और वो भी अपनी जगह को लेकर बहुत ज्यादा विश्वास में नजर नहीं आए. कुल मिलाकर टीम इंडिया में इस वक्त असुरक्षा का माहौल बना हुआ है . सू्त्रों की माने तो आर अश्विन के बीच दौरे पर संन्यास लेने की बड़ी वजह भी प्लेइंग इलेवन में चल रहा गोलमाल बताया जा रहा है.मेलबर्न में जब जाडेजा से  प्रेस कॉंफ्रेंस में सवाल पूछा गया तो उन्होने चुटकी लेते हुए कहा कि सेलेक्शन नहीं होने से उनको प्रैक्टिस करने का ज्यादा चांस मिल रहा है. सीरीज कौन जीतेगा इससे ज्यादा चर्चा ऑस्ट्रेलिया में कौन खेलेगा को लेकर हो रही है . तीन मैच में तीन स्पिनर  बहुत कम ऐसा देखने को मिलता है कि टीम में अश्विन और जाडेजा दोनों हो दोनों ही प्लेइंग इलेवन में शामिल ना किए जाए . पर्थ में एक नई कहानी लिखी गई जिसमें जाडेजा और अश्विन दोनों को बाहर बिठाकर वॉशिंगटन सुंदर को खिलाया गया.  सुंदर ने पहली पारी में सिर्फ 2 ओवर गेंदबाजी की और दूसरी पारी में 15 ओवर में 48 रन दिए और 2 विकेट भी लिए. टीम एडीलेड पहुंची तो कप्तानी रोहित के पास वापस गई और यहीं से टीम में रार शुरु हुई. सुंदर को बाहर बिठाकर अश्विन को खिलाया गया . ऑफ स्पिनर ने पहली पारी में 18 ओवर गेंदबाजी की और सिर्फ 1 विकेट मिला. दूसरी पारी में गेंदबाजी का मौका नहीं मिला. अब आती है ब्रिसबेन की कहानी. तीसरे टेस्ट में टीम में शामिल किया जाता है तीसरा स्पिनर रवींद्र जाडेजा. जाडेजा की गेंदबाजी की पहले बात करे तो उन्होने पहली पारी में 23 ओवर गेंदबाजी की विकेट नहीं मिला दूसरी पारी में गेंदबाजी का नंबर नहीं आया. हां बल्लेबाजी में जाडेजा नें 77 रन की पारी खेलकर फॉलोआन जरूर बचाया. पर सवाल ये उठता है कि सुंदर ने ऐसी क्या गलती कि जो उनको ड्रॉप किया गया फिर अश्विन आए तो एक मैच में वो कैसे खराब हो गए. और जाडेजा से गेंदबाजी नहीं हुई तो क्यां उनको ड्रॉप किया जाएगा. क्योंकि गेंदबाजी में प्रदर्शन के लिहाज से सुंदर ज्यादा असरदार रहे है . बल्लेबाजी जस की तस  पर्थ टेस्ट में रोहित शर्मा और शुभमन गिल दोनों उपलब्ध नहीं थे देवदत्त पड्डीकल और ध्रुव जुरैल खेले पर उसके बाद एडीलेड और ब्रिसबेन में भारतीय बल्लेबाजी पूरी तरह फ्लॉप रही पर बदलाव गेंदबाजी डिपार्टमेंट में होते रहे. पर्थ में हर्षित राणा अचानक टीम मैनेजमेंट की चहेते बन गए तो आकाशदीप बाहर बैठ गए. एडीलेड में भी फिर राणा खेले पर ब्रिसबेन में उनसे टीम मैनेंजमेंट का मोह भंग हुआ और आकाशदीप प्वेइंग इलेवन का हिस्सा बन गए. बल्लेबाजी की बात करें गिल तीन पारियों में फ्लॉप, जायसवाल 5 पारियों से फ्लॉप, विराट की 4 पारियों में रन नहीं आए, रोहित भी लगातार फेल, पर बल्ि का बकरा गेंदबाज बन रहे है क्योंकि गेंदबाजों में कोई बड़ा नाम नहीं है और उनकी बड़ी ब्रैंडिंग है. साफ है सेलेक्शन में ना कोई सोच है और ना ही ऐसा कॉंबिनेशन बनाने की कोशिश जो मैच जिताने वाली लगे. हर मैच में ना तो स्पिनर बदलने से जीत मिलेगी और ना खिलाड़ी का आत्मविश्वास बनेगा. और सवाल बार बार प्लेइंग इलेवन पर उठते रहेगें. Tags: Border Gavaskar Trophy, India vs Australia, India vs Australia Melbourne Test, Rohit sharma, Virat KohliFIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 14:13 IST Soochna Network India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें

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